Monday, August 31, 2009
शिक्षक के लिए मेरी भावना
बहुत दिनों के बाद मै ब्लॉग पर आया हूँ | मुझे एक घटना याद आई जिसे मैं आप लोगों के साथ बतना चाहूँगा | मुझे याद है एक घटना , कैसे हमारे शिक्षक हमारी बात नही सुनते | वह हमें सही बात के लिए भी दांत देते | शायद ही कोई शिक्षक हमें अपनी इक्छा से ज्ञान देते है | वह हमें ज्ञान देते है तो सिर्फ़ पैसों के लिए | हमें बड़ा आदमी बनने के लिए वह ज्ञान नही देते | तभी वे हमें आराम से मारते है | अगर आप एक सवाल को अपने शिक्षक से पहले हल करदे तो वह हमें बोलते है की बड़ा काबिल बन रहा है | वह हमें अपने से आगे नही बढ़ता देख सकते और वे कहते है कि हम आदमी बनाने के लिए पढाते हैं | अगर उन्हें कक्षा को हँसाने भी है तो वे कुछ बच्चों का बेकार तरीके से मजाक कर ते हैं | जिस कारन वह बच्चे लज्जित महसूस करते हैं | मेरे पास कहने के लिए और शब्द नहीं हैं इसलिए मैं अब अपने विचारों को रोक रहा हूँ | मैं आख़िर मैं कहना चाहूँगा कि हमारे शिक्षकों को हमें पढ़ना है तो अच्छे से पढाएं | कक्षा को हसांयें तो ऐसे जिसे हम भी हसे और हमें मन से पढाएं |
Monday, April 6, 2009
मेरा प्रिये मित्र
मेरे प्रिये मित्र का नाम शुभम राज है । वह मेरी हर चीज में सहायता करता है । शुभम से पहले मेरे दो मित्र थे , मैउन्हें अपना प्रिये मित्र मानता ता । एक दिन मै चोरी इल्जाम में फस गया और दोनों ने मेरी कोई सहायता नही की । तब मै समझ गया कि वे मेरे सच्चे मित्र नही है । उनकी मित्रता मे दिखावा है । तब से मेरा कोई मित्र नही है । मेरा सबो से भरोसा टूट गया था । फिर शुभम ने मुझसे दोस्ती की । मैंने उसपर भी भरोसा नही कीया , पर एक दिन मै विपत्ती मे फस गया लेकिन उस विपत्ती मे मेरा साथ उन दोनों ने नही दिया , लिकीन शुभम ने मेरा साथ दिया । तब मै समझा की सच्चे मित्र वही होते है जो विपत्ती मे सहायता करे । तब मैंने शुभम पर भरोसा कीया और उसे अपना प्रिये मित्र बना लिया । इस घटना से मैंने एक चीज सीखी कि सच्चे मित्र की पहचान विपत्ती के समय ही होती है ।
Sunday, April 5, 2009
मेरे बारे में
मेरा नाम अभिनीत दास है । मै क्लास 7 में पढता हूँ । मै 12 वर्ष का हूँ । जब मैंने अपना ब्लॉग बनाना चाहा तो मुझे मना किया गया । पर आज मैंने अपना ब्लॉग बना लिया और मैंने पहली बार अपने ब्लॉग पर कुछ लिख रहा हूँ । मै जानता हूँ कि मेरी उम्र छोटी है , पर मेरी माँ का एक ब्लॉग है जिसे देख कर मेरा मन भी अपना ब्लॉग बना ने का मन किया । पहले जब मै अपना ब्लॉग बना रहा था तो मुझे लगा कि मै ब्लॉग मे क्या लिखूंगा पर थोड़ा सोचने पर मैंने ब्लॉग पर लिख लिया और मै सोचता हूँ कि मै आगे भी एसे ही लिखता रहूँगा । ये मेरे ब्लॉग पर लिखी पहली चीज है , मै इससे और अच्छे तरीके से लिखने की कोशिश करूँगा ।
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